Monologue-1 – इन्सान का दिल लालची होता है, हर चीज पाने की इच्छा रखता है, लेकिन हर इन्सान की किस्मत में जो लिखा होता है उसे बस वही मिलता है| कभी-कभी दोस्ती प्यार में बदल जाती है लेकिन मेरा प्यार हमेसा दोस्ती तक ही सीमित रहेगा|
Monologue-2 – लोग कहते हैं, कि सादियां स्वर्ग में तय हैं| अरे भाई आज के व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम के ज़माने में भी क्या सच में जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं, ये सवाल अब भी लोगों के मन में हैं| जब यही सवाल नारद जी ने इन्द्रदेव से पूछा तो इन्द्रदेव का अहंकार जाग उठा, इन्द्रदेव में अहंकार, जी हाँ देवताओ में भी तो अहंकार होता है, और देखते ही देखते नारद जी का ये सवाल इन्द्रदेव के लिए एक चैलेंज बन गया| क्या सादियां सच में स्वर्ग में तय होती हैं, इस बात को साबित करने के लिए इन्द्रदेव नारदजी को साथ लेकर धरती की ओर निकल प2ड़े| लेडीज फर्स्ट कहावत के मुताबिक लड़की की तलास शुरू हुई|
Monologue-3 – आपके बेटे को मैंने ही मारा है, सोचा आकर आपसे बात कर लूं| आपको में अपनी कहानी बताता हूँ सर, हमारे माँ-बाप के हम दो बेटे हैं में और मेरे भईया, हम दोनों के बीच बचपन से ही एक पल नहीं जमती थी, हर वक्त झगड़ते रहते थे जैसे एक ही घर में एक दुसरे के दुश्मन जन्मे हों| Break एक दिन झगडा थोडा सा पर्सनल था, उसने मेरे प्यार को तोड़ने की कोशिश की बर्दास नहीं कर पाया में मेंटल हो गया, प्यार से बात ईगो पर आ गई, मैंने फैसला कर लिया, कि उसे उसकी नौकरी से अलग करना है और उसकी जीप लेकर में भाग गया, और तब मैंने सोचा भी नहीं था कि उसकी जीप पर कोई हमला करेगा| किसने किया क्यों किया कुछ समझ में नहीं आ रहा था सर, और बचने के बाद पता चला कि वो मुझे नहीं बल्कि मेरे भईया को मरने आये थे,
Break फिर क्या सर मेरा दिमाग पूरी तरह
ब्लांक हो गया, मेरा खून कितने हजार किलोमीटर की स्पीड से दौड़ रहा था मुझे खुद
नहीं पता| उस वक्त भईया पर जो गुस्सा आ रहा था, उनसे बदला लेना था ये कुछ समझ में
नहीं आ रहा था, बस एक बात दिमाग में बैठ गई, कि जिसने भईया को मारने की कोशिस की
उसे जिन्दा नहीं छोड़ना है| इतने दिनों से मेरी और भईया की बनती क्यों नहीं, बनती
क्यों नहीं यही सोचता था में, हम दोनों की तो कब की बन गई थी, हमारे बीच जो झगडे
हुए वही हमारा प्यार है, ये सब में आपको इसलिए बता रहा हूँ ताकि आप मेरे बारे में
जान सकें|
Break इन सारे झगड़ों को यहीं रोक दीजिये, आप मुझे मेरे भईया को मेरी फैमिली को तंग मत कीजिये| मैं कोई वार्निंग देने नहीं आया हूँ बस इतना कहने आया हूँ कि हम सब खुश रहें| अक्सर इन्सान गुस्से के बजाय दुःख में होता है ना वो बातों को अच्छे से समझ पाता है| मेरे माँ-बाप के हम सो बेटे हैं एक मर भी गया तो कोई गम नहीं, आपका सिर्फ एक है, उम्मीद करता हूँ समझ गए होंगे|
Monologue- 4 – (बाप और बेटे के बीच बातें) – बेटा- पापा दीदी को ये शादी पसंद नहीं है वो किसी और से प्यार करती है,
बाप- जब रिश्ता तय हो रहा था तब क्यों नहीं बताया,
बेटा- क्योंकि वो आपसे बहुत डरती है,
बाप- उसके डर को 2 दिन और कंटिन्यू करने को बोल,
बेटा- अगर वो इस डर को बनाये रखेगी तो उसके साथ हम भी जिंदगी भर दुखी रहेंगे,
बाप- शादी को रोकना इतना आसान नहीं होता है, ये कोई मार्च का एग्जाम नहीं है जिसे सितम्बर में देने की सोच रहे हो, देख तू सिर्फ अपनी दीदी का प्यार देख रहा है लेकिन में उसके भविष्य के बारे में सोच रहा हूँ,
बेटा- पापा जब हम किसी लड़के के बारे में पूछताछ करते हैं तो ये बताया जाता है कि वो सही है या गलत, लेकिन इस लड़के के बारे में तो सब यही बोल रहे हैं कि संभल के रहना,
बाप- तुम चाहे कुछ भी बोलो लेकिन शादी तय होने के बाद कैंसिल नहीं हो सकती|
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Monologue-5 – (एक आदमी दुसरे से) – क्या है छोटी छोटी बात, 10वीं क्लास में कैमरा के बारे मे रिसर्च की क्या वो रिसर्च छोटी बात थी, गलती से लेडीज टॉयलेट में कैमरा रख दिया तो सबके सामने सर्ट उतारकर मारा क्या ये छोटी बात थी, एक डोकुमेंट्री बनाई उसकी भी बुराई बुराई, अरे कुछ तो अच्छी बात बोलता| हर एक बात को लेकर मुझे इतना मानसिक तनाव दिया क्या ये छोटी बात थी| एक लड़की पसंद आई थी उससे शादी करके एक नई शुरुआत करने वाला था लेकिन शादी के दिन तूने उसे मुझसे छीन लिया, क्या ये छोटी बात थी....... औरररर अगर ये सब छोटी बातें थी तो मेरे ख्वाइशों मेरे सपनों को को मारने वाले को मरना क्या छोटी बात नहीं है|
Monologue-6 – (एक अधिकारी और नेता के बीच बातें) – माफ़ करना सर आपने मुझसे कहा दूसरों ने साइन कर दिए, अब में कुछ कहता हूँ, एक ऑफिसर इल्लीगल काम करता था, उसने बेकार स्कूल बसों को चलने का परमिट दिया, ब्रेक फेल होने से उन बसों का एक्सीडेंट हुआ| सैकड़ो मासूम बच्चो की जानें गई, एक्सीडेंट में हुईं मौतों का असली जिम्मेदार वो ऑफिसर है जिसने परमिट दिया, क्यों..... किसी ने कुछ पैसों से उसका साइन ख़रीदा और उसने बच्चों की मौतों पर साइन कर दिया| अंग्रेजों के राज में बने हुए कई पुल आज भी बैसे ही खड़े हैं जैसे वो सैकड़ों साल पहले खड़े थे, लेकिन हमारे बेईमान बिल्डर्स के बनाये हुए पुल बनने से पहले ही गिर जाते हैं, क्यों होता है ऐसा उन बेईमानों की वजह से जिन्होंने अपना ईमान बेचकर साइन किया|
Break
सरकारी अधिकारियों के साइन को कभी कम मत समझना सर| अगर सीधे शब्द में समझाऊ तो चाहे किसी के जन्म का प्रमाण पत्र हो या किसी मरे हुए का प्रमाण पत्र उसके लिए एक सरकारी अधिकारी का साइन चाहिए होता है| जिसका मतलब है एक साइन की एहमियत तय करती है कि किसी आदमी का पास्ट, प्रेजेंट, फ्यूचर क्या होगा| एक सरकारी अधिकारी का साइन उस सरकार कहीं बड़ा होता है जो हर 5 साल में बदल जाती है, लेकिन उस साइन का महत्त्व हमेशा रहता है| कानून जनता के लिए बनाये जाते हैं ना की आप जैसे कुछ लोगों के लिये|
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Monologue-7 – (एक गुंडा अधिकारी से कहते हुए) – मैंने भेजा है इन्हें, लोग मुझे भाई पुकारते हैं नाम जरुर सुना होगा मेरा, आपकी तरह अच्छा इन्सान नहीं हूँ सर, मिनिस्टर चाहते हैं कि आप इस पर साइन कर दें और मैंने इसकी जिम्मेदारी ली है| 3 रूपए का पेन, 3 बूंद सियाही, 3 सेकंड का टाइम और पूरे 30 लाख की कमाई, इससे बेहतर बिज़नस और क्या होगा| बात मान जाइये सर बहुत हैप्पी रहेंगे आप, सर पहली बार गलत काम करते हुए हाथ कांपते हैं, दूसरी बार भी थोडा सा डर लगता है, लेकिन एक बार जुर्म करने की आदत पड़ जाये तो फिर मजा आने लगता है, मेरी तरह|
Monologue-8 – (एक लड़का एक आदमी से कहते हुए) – आपकी बहन इस शादी से खुश नहीं है, में उससे प्यार नहीं करता, हम दोनों ये शादी नहीं करना चाहते| आपकी बहन ये कह नहीं सकती क्योंकि वो डरती है और में कह नहीं सकता क्योंकि में मजबूर हूँ....... और इसलिए इस सगाई को तोड़ने के लिए मैंने ही आपके दुश्मनों को अन्दर आने दिया था| मैंने शर्त लगाई थी कि में आपसे जमीन के पेपर्स निकलवा कर रहूँगा इसलिए में खामोश रहा, लेकिन आप पेट्रोल डालकर किसी बेगुनाह को जलाएँगे तो में चुप नहीं बैठूँगा|
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