Very Sad Dailogues Script in Hindi for Film Audition 2021-2022 |
Monologue-30 – (एक आदमी एक लड़के से कहते हुए) – ये जगह मेरी बेटी को अच्छी लगती है, में उसे उसकी पसंद का सबकुछ देना चाहता था और मैंने ये जगह खरीदी, लाख मुसीबतें आने पर भी मैंने इसे नहीं बेचा| अपने पिता को तो में खुश नहीं रख पाया लेकिन अपने बच्चों को में खुश देखना चाहता हूँ, उनसे दूर रह के में उन्हें सारे सुख दे पाया, लेकिन उनके पास आके उनका प्यार और लगाव नहीं पा सका| मेरी बेटी के शादी मेरा सबसे बड़ा ख्वाब था ये शादी हो जाएगी तो मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी पूरी हो जाएगी, लेकिन एक हफ्ते बाद वो इस घर को छोड़ के चली जाएगी,
Break पर मैं चाहता हूँ कि वो एक बार अपने पापा से दिल खोल के बातें करे, वो सबकुछ कहे जो वो अपने पापा से आज तक कभी भी कह नहीं पाई| अगर वो अपनी मर्जी से शादी भी कर लेती तो मुझे हैरानी नहीं होती, हालांकि उसने ऐसा नहीं किया शायद मेरी इज्जत की खातिर| उसकी शादी तय होने पर भी उसने मुझसे एक शब्द नहीं कहा, कहीं मेरी बेटी किसी और को पसंद तो नहीं करती| शादी के बाद विदा होकर लड़की माँ-बाप को छोड़ कर चली जाती है, ना जाने ये रीति किसने बनाई होगी, पर जिसने भी बनाई होगी उसे अपनी बेटी बोझ लगती होगी|
Monologue-31 – (एक लड़की अपने पापा से कहते हुए) – आप ये मत समझना कि में ये शादी तोड़कर लकी से शादी करना चाहती हूँ, आपने लकी को बताया कि आप मुझसे कितना प्यार करते हैं, पर आज में आपको बताना चाहती हूँ कि में लकी से कितना प्यार करती हूँ, लकी ये नहीं जनता है लेकिन आप ये जानें ये जरूरी है| मैं बचपन से ही आपके साथ रहने को तरसती रही हूँ, लेकिन आज लकी का साथ चाहती हूँ, उसकी वजह से में मुस्कुराई, खुश रहने लगी, उसी के वजह से मैंने प्यार, गुस्सा और दर्द महसूस किया, उसी से मैंने जीने का मतलब जाना....... इतना ही नहीं आज जो मैं आपके साथ बात करने की हिम्मत जुटा पाई ये भी उसी वजह से| उसके बिना जीना मेरे लिए मरने जैसा है पापा, मुझे क्या चाहिए ये में नहीं बता पाती ये मेरी कमजोरी है, वो मेरे बिना कहे ही सबकुछ समझ जाता है जाने कैसे|
Break ऐसे इन्सान के साथ रहूँ जो मुझे मुझसे ज्यादा अच्छे से समझता है, या फिर ऐसे के साथ जिसके साथ मुझे हमेशा एडजस्ट करना होगा, समझ नहीं पा रही में| लकी ने मुझे इतनी खुशियाँ दीं हैं कि अगर उसके लिए जान भी दे दूँ, तो भी कम होगा, उसके बिना जीने की मैं सोच भी नहीं सकती, सुना है प्यार में किसी को भुला पाना बहुत मुस्किल होता है, पर आज मुझे पता चला कि वो एहसास होता क्या है| वो हर वक्त मेरे जहन में रहता है क्योंकि उसमें मुझे हर वक्त हर वक्त आप दिखते हैं पापा, अगर उसे सिर्फ प्यार करती तो शायद छोड़ देती, पर मुझे उसकी आदत हो गई है, उसके बिना में नहीं जी पाऊँगी|
Monologue-32 – (एक लड़का लड़की से कहते हुए) – देखो आकांक्षा किसी का साथ या अकेलापन हमारे दिमाग में होता है, लोग दिल से कभी दूर नहीं होते| किसी के ना रहने से सम्बन्ध ख़त्म नहीं होता, उनकी यादें हमेशा साथ रहती हैं, मेरी माँ हमेशा मेरे साथ हैं, उन्हें गुजरे 3 साल हो गए हैं| तुम जानती हो वो सिर्फ मेरी माँ ही नहीं थी बल्कि एक अच्छी दोस्त भी थी, उन्होंने दुखों से लड़ कर सिखा और मुझे भी सिखाया| जब वो अपनी आखिरी सांसें ले रही थी तो उन्होंने मुझे ये भरोसा दिलाया कि वो मेरे सपनों में रहेंगी, इसलिए में दुखी ना हूँ| उनसे प्यार जताने के लिए रोना जरुरी नहीं है आकांक्षा बल्कि उनकी इच्छाओं को पूरा करना ही उनके लिए हमारा सच्चा प्यार होगा
Monologue-33 – (एक दोस्त दुसरे से कहते हुए) – पहला दोस्त – अब तक में सोच रहा था कि अंकल आंटी का कोई
एक्सीडेंट हुआ है, पर ये एक्सीडेंट नहीं है इसके पीछे कोई साजिस है,
दूसरा दोस्त – तू जो भी बोलना चाहता है साफ साफ बोल,
पहला दोस्त – अगर उनका एक्सीडेंट होता तो उनके शरीर में
चोट के निशान होते, पर ऐसा नहीं है मैंने उनकी पोस्ट माटम रिपोर्ट को चैक किया है,
उनकी मौत उनके लंग्स में फ्रेश वाटर भरने से हुई है,
दूसरा दोस्त – हाँ तो मुझे जो रिपोर्ट मिली थी उसमें भी
यही लिखा हुआ था,
पहला दोस्त – लेकिन पहले वाले रिपोर्ट में इसे मेंशन नहीं किया गया था, उसमें इंडस्ट्रियल वाटर का जिक्र था| सुन अगर अंकल आंटी की मौत नदी में गिरने से होती तो उनके लंग्स में इंडस्ट्रियल वाटर नहीं होता, अगर थोड़ी सी ऊंचाई से भी कोई गिरता है तो उसके शरीर पे चोट के निशान होते है, तो फिर बॉडी में चोट के निशान क्यों नहीं थे| जरा सोच अगर पहला वाला पोस्ट माटम रिपोर्ट सही था तो उसे बदला क्यों गया, मुझे पक्का यकीन है कि ये एक्सीडेंट नहीं था| अंकल आंटी को मार के उसे एक्सीडेंट का नाम देने की कोशिश की गई है|
Monologue-34 – (एक लड़का खुद से ही बातें करते हुए) – पहले तो मुझे मेरे ही दोस्त की बातों पर
बिलकुल विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब उसने सबूत दिखाए तो विश्वास करना पड़ा, पर ये
समझ में नहीं आ रहा था कि मेरे पेरेंट्स को कौन मरना चाहेगा| दो बातें हो सकती
हैं, पहली उन्होंने मुझसे कुछ छुपाया, या दूसरी....... उनकी जिंदगी में ऐसा कुछ हो
रहा था जिसपे मैंने ध्यान नहीं दिया| जब हम बहुत खुश होते हैं ना तो दूसरों के
दुःख नजरंदाज कर देते हैं, सच सामने होने के वावजूद आखें उन्हें देख नहीं पातीं,
कुछ लोग वो ढूंढते हैं जो उन्होने कभी देखा नहीं, और कुछ लोग बस वही वही देखते हैं
जो वो देखना चाहते हैं, उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ, सब लोग खुश थे सिवाय माँ और
पापा के|
Very Sad Dailogues Script in Hindi for Film Audition 2021-2022 |
Monologue-35 – (एक आदमी एक लड़के से कहते हुए) – अरे कल मुहे में तेरा प्लान समझ गया हूँ, मेरी बेटी जरुर यहीं कहीं छिपके ये ड्रामा देख रही होगी, हां वो रही, ए इधर आओ लाइन से खड़ी रहो जल्दी आओ, अब आती हो या घसीट कर लाऊं| भोले तुम इन लड़कियों का प्लान नहीं समझ पाए न, इस जंगली सांड से शादी करने के लिए मेरी खुद की बेटी ने मुझे यहाँ फसाकर मुझ पर अटैक करवाने का घटिया प्लान बनाया| बेटा प्रिया तुम पर मैंने विश्वास किया अपनी बेटी समझा तुम्हें, फिर भी तुमने मेरी बेटी और इस जंगली भालू का साथ दिया, कल कुछ उंच नीच हो जाती तो में दुनिया को क्या मुंह दिखाता, नहीं बेटी नहीं मुझे कुछ समझाने की जरुरत नहीं है में सब समझ गया, आज मुझे सबसे ज्यादा दुःख हो रहा है|
Monologue-36 - जितना अच्छा इन्सान आप मुझे समझते हैं उतना में हूँ नहीं| मैं रिश्तों को सिर्फ बोझ समझता था| मेरा मानना था कि पैसे से ही सबकुछ ख़रीदा जा सकता है, मैं यहाँ आपसे मिलने नहीं बल्कि पैसे हड़पने आया था| मैंने अपनी जिंदगी में कई बार झूठ बोला है, लेकिन आप जैसे नेक दिल इन्सान के सामने में झूठ बोलूँगा तो मेरे दिल में हमेसा के लिए एक कसक रहेगी| अगर सच नही बोलता तो में खुद को कभी माफ़ नहीं कर पाता| रिश्तों में छोटी-छोटी परेशानियों को देखकर में उनसे दूर भागता था, लेकिन आज एहसास हुआ कि मैंने कितनी कीमती चीज खो दी| जब आप कुछ हासिल करते हैं तो लोग आपको शाबासी देते हैं अगर जीवन में कभी परेशानी हो तो परिवार ही है जो आपके साथ खड़ा रहता है| असल में यही तो जिंदगी है|
Acting Audition Script |
Monologue-37 – कभी-कभी कोई इन्सान इतना दुखी हो जाता है कि एक समय तो उसे लगने लगता है कि उससे ज्यादा bad luck वाला इन्सान इस दुनिया में और कोई नहीं है, क्योंकि उसकी हर मेहनत नाकामयाब हो जाती है| वह अपनी मेहनत और लगन में कोई कसर नहीं छोड़ता फिर भी इसके साथ बुरा ही होता है| हर कोई चाहता है कि वो अपने जीवन में उन्नति करे लेकिन उसका बुरा वक्त उसे कुछ नहीं करने देता| ना दिन को चैन ना रात को नींद, हर पल बस यही सोचता है कि आखिर में क्या करूँ|
Monologue-38 – उस दिन अगर तुमने दस हजार रूपए नहीं लिए होते, तो में आराम से बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रहा होता तुम्हारी माँ रसोई में पकोड़े तल रही होती और तुम्हारी बहन टी वी देख रही होती, असली कमाई तो वही थी बेटा| वो तुम्हारे लाख रूपए से लाख गुना बेहतर थी| 60 से ज्यादा स्पीड पर चलती हुई ट्रेन स्टेशन पर नहीं रूकती ये बात तुम भी जानते हो, फिर 2 घंटे में 10 हजार का 1 लाख बनाने का लॉजिक क्यों ढूंड लिया बेटा| कोई भी बैंक 10 हजार का 1 लाख नहीं बना सकता, अगर ऐसा होता तो तुम्हारा ये पापा 50 साल की उम्र में हॉस्पिटल ना आता| acting audition script
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