dialogue for audition in hindi |
Monologue-71 – (एक डॉक्टर और एक गुंडा आपस में बात करते हुए) – गुंडा – सुना है तुम लोग बस में आकर मेरे एरिया
में हेल्थ कैंप और लोन्स कैम्प्स भी लगाते हो, और वहां के लोगों को भड़काते हो,
डॉक्टर – बिलकुल गलत बात है, मैंने उन्हें सिर्फ
सही समझाया कि लोन न चुकाने की वजह से उनकी जमीनें छीन ले गई हैं,
गुंडा – तो क्या करूँ में जमीन ना छीनू तो क्या
उनके सामने नाचू हाँ, और तुम डॉक्टर साहिबा तुमने सबकी बीमारियाँ ठीक करने का ठेका
ले रखा है| अगर सब ठीक हो गए ना तो मेरा धंधा चौपट हो जायेगा, बंद करो,
लेडी डॉक्टर – माफ़ कीजिये, अपने फायदे या नुकसान के लिए
में ये काम नहीं करती हूँ, मदद है ये........... लेकिन तुम लोगों की जिंदगी से
खेलते हो,
गुंडा – कण्ट्रोल करो........... अगर तुमने अपनी
जुबान पर कण्ट्रोल खो दिया, तो में अपने गुस्से पर खो दूंगा|
Monologue-72 – (एक गुंडा नेता से कहते हुए) – गुंडा - जब जिन्दा था तो बड़ी बड़ी बातें किया करता
था, दस हजार एकड़ जमीन, 2 सौ करोड़ का इन्वेस्टमेंट, 3 सौ करोड़ का मुनाफा, लोगों को
तेरे घोटाले के बारे में मालूम पड गया ना, तो नोट भी गये और वोट भी गए| लेकिन
मैंने धमाका करके लोगों के ध्यान भटका दिया है ताकि प्रोजेक्ट भी तेरे और मुनाफा
भी, मैंने इतना बड़ा एहसान किया तेरे पे, लेकिन तेरा चमचा मुझे 2 कोडी का गली का
गुंडा बोलता है, हार्ट ब्रेक कर डाला रे, तो मैंने उसे ब्रेक कर दिया,
नेता – मुद्दे की बात पर आओ,
गुंडा – मुझे मेरा हिस्सा दे,
नेता – कितना चाहिए,
गुंडा – 2 करोड़ से एक भी कम नहीं, क्या सोच रहा है
बे ये तुझे ब्लास्ट से पहले सोचना चाहिए था,
नेता – हमने आलरेडी तुम्हारा पेमेंट कर दिया है
अब ये और क्यों मांग रहे हो,
गुंडा – वो ब्लास्ट के बटन पर ऊँगली किसकी थी ये राज़ रखने के लिए ये मेरी छोटी से कीमत है, और ये कीमत में बता नहीं रहा हूँ पूरे हक़ से मांग रहा हूँ|
गुंडा – तो आ गया तू इसी पानी में डुबो कर तेरे
माँ बाप को मारा था मैंने उस वक्त तुझे होना चाहिए था| तेरा बाप अपनी जान की भीख
मांग रहा था तुझे उसकी हालत देखनी चाहिए थी, तेरी माँ तेरे बाप को लाचार हुए डूबते
हुए देख रही थी,
लड़का – उस दिन उन दोनों के पास खोने के लिए बहुत
कुछ था लेकिन आज में अकेले आया हूँ, अगर मर भी गया ना तो मुझे थोडा सा भी अफ़सोस
नहीं होगा,
गुंडा – अच्छा अफ़सोस नहीं होगा, एक्सप्रेस यही
ट्रेन है ना , तेरा पूरा खानदान यहाँ होगा अगले 10 मिनट के अन्दर, जैसे तेरे माँ
बाप को मारा था तुझे भी मारूंगा| अगर तुझमें हिम्मत है तो फिर बोलना की मुझे अफ़सोस
नहीं होगा,
लड़का – क्या हुआ मेरा खानदान नहीं मिला क्या
तुझे,
गुंडा – अपने परिवार को कहाँ छुपा के रखा है बता,
वो ट्रेन के अन्दर भी नहीं है निचे भी नहीं उतरे हैं कहा गए बोल,
लड़का – महान गुंडे का महान नेटवर्क क्या उखाड़ा
तूने, एक 25 साल के लड़के ने तेरे आदमियों को कुत्ते की तरह भगाया और तू कुछ नहीं
कर पाया, ऐसा नेटवर्क किस काम का हाँ| मेरी वजह से तूने अपने ही आदमियों को मार दिया,
तुझसे बेहतर नेटवर्क तो आज के हर नौजवान के पास है लेकिन हम उसका गलत इस्तेमाल
नहीं करते, में जानता हूँ तेरी ताकत हमारा डर है, पर जिस दिन हमारा डर गया तेरा
खेल ख़त्म,
गुंडा – हे आँखें किसे दिखाता है तू जानता है कि
तेरे माँ बाप को मैंने ही मारा था, मेरे ही डर की वजह से तेरा परिवार भागता फिर
रहा है, मगर फिर भी तू मेरे सामने सीना तान के खड़ा है, बता क्या गेम खेल रहा है
तू,
लड़का – अभी तो खेल सिर्फ शुरू हुआ है, तू बस मुझे
पकड़ना चाहता था पर तू अपने आप को बचाना भूल गया, और यही तेरी सबसे बड़ी गलती थी, ना
ही में खुद बचाने के लिए भागा और ना ही तेरे साथ खड़ा हर आदमी तेरा दोस्त है|
Ø Monologue- 73 – Female angry – लड़की इसके लिए खिलौना है, प्यार इसके लिए entertainment और रिश्ते इसके लिए bad luck है| इसे तो ये भी पता नहीं होगा कि इसने कितनी लड़कियों के साथ रातें गुजारी हैं| लड़कियों को ऑफिस में क्यों रखता है सिर्फ अपनी जरूरतों के लिए, इसका दिल हुआ तो तुम्हें आधी रात को भी फ़ोन करके बुलाएगा और काम तमाम हो जाने के बाद तुम्हारा फ़ोन तक नहीं उठाएगा, गर्लफ्रेंड इसके लिए जूती समान है पुरानी होने पर उतार के फैंक देना इसकी आदत है| इसकी जिंदगी का मकसद ही है नई नई लड़कियों के साथ खेलना, आजाद पंछी की तरह रहो न रिश्ता न झमेला, ऐसी है इसकी जिंदगी|
V
Monologue- 75 – सामने वाला मुझे प्यार दिखा रहा है लेकिन में पत्थर की तरह खड़ा होकर उसके प्यार को अपना नहीं पा रहा हूँ| इसकी वजह आप ही हैं ना पापा| वो लड़की मेरा प्यार है, इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी हमारे घर आई वो किसी देवी से कम नही है, अगर अब भी आप उसे पहचान नहीं पाए तो ये पाप होगा| आपके हिसाब से इंसानों का भी ब्रांड होता है, आपको प्यार, मोहब्बत इन सब चीजों की वैल्यू नही है, आप तो प्यार बांटने के लिए भी time set करते हैं|
Monologue- 76 – brand- brand- brand का नाम जपते रहते हैं, अगर आज उस लड़की ने आपको खून नहीं दिया होता तो आप यहाँ नहीं पड़े होते, आपका ब्रांड इस वक्त कहीं शमसान में पड़ा होता| हमारे जीते जी हम जो काम करते हैं उसे हमारे मरने के बाद हर कोई याद रखे वो होता है असली ब्रांड| आखरी बार कह रहा हूँ याद रखियेगा, आपसे जो लोग प्यार करते हैं उन्हें दूर करके आप जो इन नकली ब्रांड से प्यार करते हैं उनके साथ आप कितना वक्त खुश रह पाएंगे, पूछो अपने आप से|
Monologue-77 – जिंदगी में सबसे अहम् बात होती है मौका मिलना, वो मिलने के बाद उसे हासिल करने वाले कुछ होते हैं और कुछ होते हैं कि मिलने के बाद शांत हो जाते हैं, ज्यादातर लोग दुसरे टाइप के होते हैं|
Monologue-78 – हे! ये मौत की धमकी देकर क्या साबित करना चाहती हो| तुम्हारी वजह से मैंने उस डी. सी. पी. से झूठ कहा था, सिर्फ तुम्हारे लिए| सही कहा तुमने मेरी ही गलती है, तुम्ही ने रो रो कर कहा था कि अगर तुम्हारी सादी हो गई तो तुम्हारी पढाई अधूरी रह जाएगी में बेवकूफ था जो तुम पर तरस खा गया| सही है में अकेला पुलिस स्टेशन उस डी. सी. पी. की बन्दूक का सामना करने चला गया था, इसलिए ये भी मेरी गलती है| अगर इतनी भी हिम्मत नहीं है तो ये पढाई का ढोंग क्यों कर रही हो छोड़ दो और बाप की पसंद के लड़के से सादी कर लो, तुम्हारा पति तुम्हारा करियर ख़त्म करेगा और डी. सी. पी. मुझे ख़तम करेगा, बिना मकसद की जिंदगी से तो मौत ही अच्छी है|
Monologue-79 – हे! आज तुम्हारा जन्मदिन है इसलिए में तुम्हारा दिल दुखाना नहीं चाहता तो तुम कुछ भी कहे जा रही हो| मैंने तुम्हारा दिमाग ख़राब नहीं किया तुम ही मेरे पीछे लव लव करती हुई आयी थी| हर किसी का अपना एक संसार होता है, लव होते ही सबकुछ भुला कर किसी लड़की का गुलाम नहीं बना जा सकता, दोस्ती के मायने तुम्हें नहीं पता में सिर्फ टाइम पास करने के लिए किसी से दोस्ती नहीं करता हूँ और झूठ बोलने के लिए भी मजबूर तुम्ही करती हो, पल पल में तुमसे प्यार करता हूँ इसका में प्रूफ नहीं दे सकता| फ़ोन नहीं किया या मेसेज नहीं किया तो इसका मतलब ये नहीं है कि में तुमसे प्यार नहीं करता, तुमने जो कुछ भी कहा वो में नही कर पाया इसका मतलब में लापरवाह नहीं हूँ मतलब ये है कि मुझे उससे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट काम आया होगा| अगर माँ बाप की सेहत ख़राब हो गई तो सबकुछ छोड़ कर तुम्हारे पास आ जाऊ, इसे प्यार नहीं स्वार्थ कहते हैं|
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